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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

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Vijay Kumar parashar "साखी"

Inspirational

कर्म करो लगातार

कर्म करो लगातार

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कर्म करो आप लगातार

सफलता मिलेगी हरबार

जो रुकोगे पथ के राही

सड़ोगे, बनकर नाला पानी


किसी का न करो, इंतजार

अपनी धुन में चलो लगातार

एक दिन जाओगे फ़लक पार

खुद पर रखो पूरा विश्वास


क्षणिक गम से न हो लाचार

एक दिन जरूर बनोगे नवाब

अपने कर्म को बनाओ तलवार

अधर्म के हो जाये वो आरपार


बन जाओ ऐसे आप महताब

तम का न रहे, नामोनिशान

कर्म करो आप लगातार

पीछे मुड़कर न देखो जनाब


वो ही बनता है, फूल गुलाब

जिसे शूलों में खिलना है याद।


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