कर प्रहार
कर प्रहार
कर प्रहार - कर प्रहार - कर प्रहार,
ऐ वीर, तू कर प्रहार
तू रूक मत, तू सोच मत,
बस ,कर प्रहार - कर प्रहार - कर प्रहार ।
भेद दे सत्य से असत्य को,
हाँ सत्य से असत्य को,
हाँ सत्य से असत्य को,
फिर असत्य को तू
कर परास्त - कर परास्त - कर परास्त ।
ऐ वीर
तू रुक मत , तू सोच मत ,
बस कर प्रहार - कर प्रहार - कर प्रहार ।
भेद कर सत्य से असत्य को,
हाँ सत्य से असत्य को,
हाँ सत्य से असत्य को,
सत्य को पुनः तू
कर जवां - कर जवां - कर जवां ।
जाग अब नींद से,
उठा शस्त्र - उठा शस्त्र - उठा शस्त्र ।
देख मच रहा हहाकार है ,
चारों ओर गूँजती चित्तकार है ,
लाशें ही लाशें चारों ओर है
तिरंगा बना कफन है
ऐसे में क्यूँ कोई मौन है ,
विलाप हीं विलाप हर ओर है
चारों ओर कैसी मची ये ललकार है
खामोशीयों को तोड़ती कैसी ये काली रात है
धिक्कार है धिक्कार है तुझे धिक्कार है |
जाग अब नींद से,
उठा शस्त्र - उठा शस्त्र - उठा शस्त्र
कर प्रहार - कर प्रहार - कर प्रहार |
माना की लहू से होती जय -जयकार है
फिर लहू तेरा क्यों खामोश है
क्यूँ नहीं आया अब भी तुझमे उबाल है
किस बात का तू जवान है
जाग रे , जाग रे ,अब तू जाग रे
बस , कर प्रहार - कर प्रहार - कर प्रहार |
देख धरती हमारी अब
तड़प रही - तड़प रही – तड़प रही ।
वादियॉ यहॉ की अब ,
कॉप रही - कॉप रही - कॉप रही ।
हो लहूलुहान मेरी भारत मॉ,
बचाव - बचाव,
पुकार रही - पुकार रही, पुकार रही ।
असत्यता बिखरी है अब, बन आग के अंगारो मे,
पा अनीति का साथ ,
धदक रही - धदक रही - धदक रही ।
सुन आवाज, ऐ वीर , तू सुन आवाज
लग रहा फिर से गुलामी की वो बेडियॉ,
खनक रही - खनक रही - खनक रही ।
दिल मेरा, कॉप रहा - कॉप रहा - कॉप रहा,
देखो बच्चा कोई मासूम ,
रो रहा - रो रहा - रो रहा,
मॉ-मॉ पुकार रहा - पुकार रहा ।
सुन कर ये करूण स्वर,
अब तू, कर प्रहार - कर प्रहार - कर प्रहार ।
भेद दे सत्य से असत्य को, हाँ सत्य से असत्य को
कर सत्य को,
फिर जवां - फिर जवां - फिर जवां,
कर प्रहार - कर प्रहार - कर प्रहार ।