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कोशिश जिंदगी जीने की

कोशिश जिंदगी जीने की

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कुछ पाने की चाह में, मैं बढ़ चला अपनी राह में

मुसीबतों के घेरे से, निकला मैं अपनी आह में


अब सोच लिया है मैंने कि मंज़िल को पाऊंगा मैं

आंखों में लिए सपनों को अपने हकीक़त बनाऊंगा मैं


हर शख्स की तरह खुद को न ठुकराऊंगा अब

रास्ते की हर मुसीबतों में खुद को आजमाऊंगा अब


बहुत डर लिया, अब इस डर को खुद से दूर भगाऊंगा

बेअदब आंधियों तूफानों से अब न कभी घबराऊंगा


उफनते लहरों से लड़कर कश्तियों तक जाऊंगा

लोग तो ताने देंगे ही, पर मैं फिर भी मुस्कुराऊंगा


बोझ नहीं बनने दूँगा मैं खुद को अपने अपनों पर

लडूँगा मैं और जीत पाऊंगा अपने सपनों पर



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