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Sheetal Panwar Verma

Tragedy Others

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Sheetal Panwar Verma

Tragedy Others

कोरोना

कोरोना

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थम सा गया है जमाना, थम सी गई है जिंदगी

जैसे हर कोने पर जम सी गई है ख़ामोशी।

घर से निकालना अब हो गया है नामुमकिन।

न जाने चुपके से यह डराती हवा कहाँ से चल पड़ी।

इंसा को इंसा से मिलना भी अब गवारा नहीं।

मौत दौड़ती घूम रही हर सड़क और हर गली।

घुट रही हैं सांसे और बढ़ गई हैं मुश्किल।

थम सा गया है जमाना, थम सी गई है जिंदगी

जैसे हर कोने पर जम सी गई है ख़ामोशी।



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