वो सुबह फिर लौट आएगी....
वो सुबह फिर लौट आएगी....
वो सुबह फिर लौट आएगी,
जब इस तबाही की भी तबाही होगी।
गलियों में बच्चों की किलकारियां गूंजेगी,
स्कूलों और कॉलेजों की घंटियां बजेंगी और
दफ्तरों की मेज पर फिर से फाइलें घूमेंगी।
वो सुबह फिर लौट आएगी,
जब पार्टी और शादियां होंगी
और शहरों की यह पाबंदियां हटेगी।
भीड़ दवाखानों में नहीं,
मंदिरों और गुरुद्वारों में होगी।
वो सुबह फिर लौट आएगी,
जब जिंदगी फिर से बेखौफ होगी।
यार और दोस्तों की सलामती की
खबरों से दिन की शुरुआत होगी।
वो सुबह फिर लौट आएगी।
वो सुबह जल्दी ही आएगी।
