कोरोना में मजदूरों की जंग
कोरोना में मजदूरों की जंग
तकलीफो से गूंजते हुए
शुरू हुई थी कुछ मजबूरो की कहानी
आए थे ये गांव छोड कोर
अपने भविष्य बनाने
साथ ही अपने बच्चों की कुछ ख्वाहिश से पूरा करने
लेकिन एक दिन अचानक से आई आंधी जैसी कोरोना महामारी ...
साथ ही खतम हो गई उनकी ख्वाहिश से सारी
फिर शुरू हुई लॉकडाउन की कहानी
कहीं पर छुट्टी किसी कि नौकरी
त कहीं पर बिछड़ा किसी का आशियाना
कहीं पर नहीं मिला दो वक्त का खाना।
त कहीं पर ना मिला अनाज का एक दाना
कुछ दीनो बाद सरकार की मंजूरी से
कोई बस या ट्रेन से आया?
और जो इसमे आ ना सका
वाह पैदल चल पड़ा अपने गांव।