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Arti Agarwal

Tragedy

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Arti Agarwal

Tragedy

कोरोना कर्मवीर

कोरोना कर्मवीर

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हम अपनों के बीच में बैठे है, 

पर वो कितने मजबूर है। 

हमारी जान बचाने को वो, 

अपने घरों से दूर है।। 

सुबह शाम का होश नहीं

वो दिन रात ड्यूटी करते है, 

उनका क्या कभी मन नहीं करता

वो फिर भी नहीं छट्टी करते है,

वो कर्मवीर, वो कर्तव्यनििष्ट् 

वो सच्चे देश भक्त है, 

इस महामारी से लड़ने को वो

तत्पर हर वक़्त है, 


अरे अब तो समझ जाओ 

कीमत उनकी जान लो, 

घर पर ही तो रुकना है

कहना उनका मान लो, 

बहुत पार्टीयां कर लेना

अभी तो बहुत ज़िंदगी बाकी है, 

बस थोड़े दिन सब्र से काम लो

फिर तो ख़ुशियों की झांकी है, 

मत जाया करो मेहनत उनकी

जो हमारे ख़ातिर तकलीफ़ सहे। 

वो अपने घरों से बाहर है

ताकि हम घरों में सुरक्षित रहे।।


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