कोरोना की पिच पर जीत
कोरोना की पिच पर जीत
खड़ा बैट्समैन है
अनोखा,अनदेखा
असीमित दिनों का,
अदृश्य गेंद से
असमय आयोजित,
मजबूती से टिकना
नया टेस्ट मैच है।
न कोई चतुराई
न बॉल चमकाई,
इतना बाउंस कैसे ?
अचंभे में बॉलर
सोचता चल रहा,
नापता रन- अप है।
दूर- दूर सारे फिल्डर,
सजाये है कैप्टन
कोई कैच पाले से,
गिरे न भूलकर
सजग होके रहना,
देना अपना बेस्ट है।
बड़ी बाउंस लेती
कहर ढाती गेंदें,
न शोर- शराबा
न दर्शक दीर्घा में,
सब अपने घरों से
चीयर कर रहा है।
बिना रन बनाये,
स्कोर बढ़ रहा है
पार्टनर दूर से हीं,
हौसला दे रहा है
मुँह पे डाले कवच,
लड़ रहा पराक्रम है
ना धोखे में रहना,
बड़ा संकट है
ज़िद है जीत'ना,
बड़ा टेस्ट मैच है।
