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Renu Tripathi

Drama

3  

Renu Tripathi

Drama

कोरोना का सच सुधार

कोरोना का सच सुधार

2 mins
256


दुश्मन है गुमनाम नहीं क़ोई ईमान है              

चहु जोर जोखिम खतरे का रोना कोरोना भान है         

किस तरह कैसे करेगा वार दुनियां अनजान है           

हर तरफ युद्ध का घोष ,नहीं कोई हथियार है             


छोटे से विषाणु ने विश्व कि डाली सांसत में जान है        

भारत है विश्व गुरु नरेंद्र दामोदर कृष्ण कलयुग में सारथी महान है 

सूर्योदय से संध्या दिन और रात करता पाञ्चजन्य का शंख नाथ है          

सारथी कि चाहत खो ना पाये एक भी माँ भारती का संतान    


प्राण पण से दृढ़ प्रतिज्ञ इस महा युद्ध का

सारथी मानवता की लाज है    

सारथी का स्वार्थ बस इतना सुरसक्षित

भारत का बच्चा ,बृद्ध, नौजवान रहे   


करता है दिन रात सावधान दिल से दिल का रिश्ता

हो भौतिकता कि नैतिकता थोड़ी दुरी बनी रहे

नाक ना कटे, नाक ढक रखो ना गलबहियां ना हाथ

मिलाइयां हाथ स्वक्ष और साफ रहे

       

गली, मोहल्ले, सड़कों पर ना भीड़ कोलाहल हो

घर से ना निकालो जब तक कोईं जरुरी न काम रहे                

घर ,बहार ,जहाँ ,तहाँ कवच यही हथियार

भाग जाएगा दुम दबाकर दुश्मन अनजान         


कोरोना का दम घुटेगा जाएगा हार                  

यह युद्ध है भयंकर दुनियां और

भारत को मत बनने दो श्मशान

कही बांद्रा कही आनद

बिहार सूरत या तबलीगी जमात

क्या तुम इंसान नहीं खुद से तुमको

प्यार नहीं तुम्हारा घर परिवार नहीं           

किस छद्म छलावे के हो गए तुम शिकार              


खाकी का हाथ काटते पथ्थर मारते करते हो

शर्मशार तेरे लिए जीता मरता है छोड़ अपना घर परिवार       

सेविकाओं पर थूकते डॉक्टर से करते

दुर्व्यवहार ये सब तेरे भाई बंधू रिश्ते नातो के व्यवहार

सुक्र करों उस मालिक का इस जंग

में खाकी वर्दी पहला परवर्दी गार                  


कभी डांट से कभी प्यार से हर इंसा की

जिंदगी को उजियार जाती पाति धर्म

भेद भाव नहीं सबके साथ एक सामान   

डॉक्टर और नर्स हॉस्पिटस्ल का स्टाफ दूसरे भगवान्

एक एक की जान बचाने में

कभी कभी देते अपनी जान गवांया


आओ नमन करे इनका हम सब भारत बासी इनका मान सम्मान करे                  

इनके भारत वासी होने का हम भाग्य भगवान् का धन्यवाद करे

दुश्मन कि तो चाहत यही ऐसे ही लड़ते लड़ते दे दो उसको राह

देखो उनको बनगए जो विषाणु युद्ध का काल       

अपने भी नहीं पूछते लावारिस सी लाश                  


जागो भारत वासी साहस और संकल्पों में      

युद्ध सारथी के सयंम रथ में त्याग सभी द्वेष

दम्भ राजनीती छद्म कर्तव्यों के आवाहन में।


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