कोरोना का कोहराम
कोरोना का कोहराम
सोच कर निकला था घर से
कुछ बड़ा करूंगा काम
अभी अचानक बरस पड़ा
कोरोना का कोहराम
थे रोड पर जो भीड़ लगते
अब लोग नहीं घर से निकलते
2020 में लगी ऐसी लगी लगाम
बस मिल रहा हर वक्त आराम
जो सोच कर सब रखे थे सपने
हो सके ना 2020 में अपने
धीरे-धीरे साल बीत गया
कोरोना हमसे जीत गया
जाकर निकला है अब वैक्सीन
सब थक चुके थे दिन गिन-गिन
ऐसा कभी ना आए साल
जिसमें हो जाए जीवन बेहाल
अब ले रहा हूं पूर्ण विराम
2021 सब बीते खुशहाल