मै एक कालेज छात्र हूं। अगर मेरी कविता आपको अच्छी लगती है मुझे फालो करें और मुझे ज्यादा से ज्यादा वोटिंग करे
एक सफर के लिए मैने तुमको चुना है वो लम्हे याद कर तुमको दिल दे दिया है। एक सफर के लिए मैने तुमको चुना है वो लम्हे याद कर तुमको दिल दे दिया है।
धीरे-धीरे साल बीत गया कोरोना हमसे जीत गया धीरे-धीरे साल बीत गया कोरोना हमसे जीत गया
खफा तुम ना होना ये दिल ने कहा है एक सफर के लिए मैंने तुमको चुना है खफा तुम ना होना ये दिल ने कहा है एक सफर के लिए मैंने तुमको चुना है
जात पात को त्याग कर बढ़ चले बस बढ़ चले जात पात को त्याग कर बढ़ चले बस बढ़ चले
इस कारण का हम लोग खुद ही है जिम्मेदार इस कारण का हम लोग खुद ही है जिम्मेदार
हो जाती नैया पार इससे अभागा कौन है जो ले सके ना शिव का नाम। हो जाती नैया पार इससे अभागा कौन है जो ले सके ना शिव का नाम।