कुछ करे विकास
कुछ करे विकास
सभ्यता की मूरत यह दुनिया
मानवता से भरी यह दुनिया
हम एक दूसरे के है दास
आओ मिलकर कुछ करें विकास।
दे नया कुछ सीख तू
ले नया कुछ सीख तू
ले आएगी हरियाली एक दिन
रवि एक प्रकाश
आओ मिलकर कुछ करें विकास ।
जात पात को त्याग कर
बढ़ चले बस बढ़ चले
एकता होने को साथ
आओ मिलकर कुछ करें विकास।
तू एक दूजे को जानकर
मानवता को पहचान कर
एक दूजे पर करना सीखे
आपस में विश्वास
आओ मिलकर कुछ करें विकास ।
एक गांठ कमजोर होती
सौ गांठ मजबूत होती
करना छोड़ दे तू मानव
एक दूजे का तिरस्कार
आओ मिलकर कुछ करें विकास ।