कोरोना का कहर
कोरोना का कहर
कोरोना से पूछा मैंने
करोड़ों जिंदगियां लील कर भी
क्या चैन नहीं मिला तुम्हें?
कुछ यूं बोला वो कि
मेरी क्या बिसात
जो मैं ऐसा कर पाता
ये तो तेरी ही कारसतानी है
जिसने मुझे भी बना दिया तूफानी है
तूफान तो कहर ढायेगा ही
वो तो उत्पात मचायेगा ही
गहरे निशा छोड़ जायेगा ही
तूफ़ानी करने की तेरी चाहत ने
सही और ग़लत का भेद ही छोड़ दिया
मुझसे क्या सवाल करता है
टटोल अपने आप को
खुद ब खुद मिल जायेगा ज़बाब तुझको।