कोई तुमसे दूर नहीं
कोई तुमसे दूर नहीं
सब कुछ है यहीं कहीं,
कोई तुमसे दूर नहीं।
क्योंकि आंखों में मुस्कान हो तो,
इंसान तुमसे दूर नहीं।
श्रद्धा में यदि जान हो तो,
भगवान तुमसे दूर नहीं।
मेरा एक विश्वास करो,
यही सच है इसे स्वीकार करो।
क्योंकि पैरों में यदि उड़ान हो तो,
आसमान तुमसे दूर नहीं।
हाथों में यदि कमान हो तो,
दुनिया की आन बान और शान तुमसे दूर नहीं।
एक वह समय भी आया था,
जब खगों ने यह गीत सुनाया था
कि स्वयं में स्वाभिमान हो तो
कोई अरमान तुमसे दूर नहीं,
जन के प्रति सम्मान हो तो
यह जहान तुमसे दूर नहीं।
सब कुछ है यहीं कहीं,
कोई तुमसे दूर नहीं।