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usha shukla

Inspirational

4  

usha shukla

Inspirational

कोई क्यों कहेगा तक

कोई क्यों कहेगा तक

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कोई क्या कहेगा ।

यह कोई, है कौन ? 

क्या हुआ ? 

सब हो गए क्यों मौन ? 

बचपन से जवानी तक , 

जवानी से बुढ़ापे तक, 

इन तीन शब्दों का सामना , 

करता है हर व्यक्ति, 

ऐसा सबका है मानना l 

जिसे सुनकर , 

कुछ रुक गए , 

कुछ डर गए , 

कुछ आधे रास्ते तक गए , 

कुछ चले ही नहीं , 

बिना समझे, बिना जाने, 

बिना इन शब्दों को पहचाने 

मूक बनकर कर, 

लगे खुद को बचाने , 

अरे ! बदल दो , 

हां ! बदल दो , 

सिर्फ इतना ही करना है, 

खुद को अडिग रखना है, 

सच्चाई पर, इमानदारी पर, 

नैतिकता पर, मानवता पर, 

और बदल देना है , 

कोई क्या कहेगा से , 

कोई क्यों कहेगा तक l 

कोई क्या कहेगा से , 

कोई क्यों कहेगा तक।


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