कली
कली
मैं छोटी सी नन्ही सी
हूँ एक कली
मुस्कराना मेरा काम ।
हवा के संग संग हीलती डोलती
सुबह से शाम ।।1।।
हरी हरी पत्तियों के संग
आँखें जब खुल जाती हैं
सूरज चाचा मुस्कराते
आ के खड़े हो जाते है ।।२।।
टीम टीम तारा जुगुनू बन के
अंधेरे में आती हैं
चन्दा मामा आगे आगे उन्हें
रास्ता दिखाते हैं ।।3 ।।
मैं छोटी सी नन्ही सी
हूँ एक कली
मुस्कराना मेरा काम ।।4 ।।