कलि में कैसे धर्म बचेगा, अस्त -व्यस्त संसार हुआ है। कलि में कैसे धर्म बचेगा, अस्त -व्यस्त संसार हुआ है।
तुम बीज हो मैं फल हूं मां तुम समुद्र हो मैं लहरें हूं मां तुम बीज हो मैं फल हूं मां तुम समुद्र हो मैं लहरें हूं मां
सूरज चाचा मुस्कराते आ के खड़े हो जाते है सूरज चाचा मुस्कराते आ के खड़े हो जाते है
चिर प्रतीक्षित ऋषि नयन है, पल रहा सपना युगों से। हरि पुनः अवतीर्ण होकर, तार देंगे सब दुखों से। चिर प्रतीक्षित ऋषि नयन है, पल रहा सपना युगों से। हरि पुनः अवतीर्ण होकर, तार द...
खिलने से पहले ही कली की कहीं कोई दबा न कोख दे खिलने से पहले ही कली की कहीं कोई दबा न कोख दे