कल कभी नहीं आता
कल कभी नहीं आता
ज़िन्दगी में कल कभी नहीं आता,
कभी फ़ुरसत मिले तो आज को जी,
जिसे जहाँ जाना था वो चला गया,
अगर होता उसे जरा सा भी *इश्क़*
वो तुम्हें छोड़कर दूर कभी नहीं जाता,
ज़िन्दगी में कल कभी नहीं आता ।।
वैसे अकेला ही तो था, जब वो नहीं था
क्या हुआ वैसा ही अकेला फिर हो गया ।
मगर देखो, तुम अपने वजूद के लिए लड़े हो ।
वो तो नादान है, तुम तो समझ में बड़े हो,
तुम बिन कितनी ठोकरें जमाने की वह सह पाता ।
ज़िन्दगी में कल कभी नहीं आता ।।
दूर आईने में दिख रहे हो, वो तुम ही हो न ?
आईने को बोलते, मुस्कुराते देखा है कभी ?
ये सिल्की बाल हैं, उसे झटक कर पीछे तो कर ।
अब खुद को देख आईने में और जरा मुस्कुरा,
फिर देख वो आईना भी कैसे मुस्कुराता,
ज़िन्दगी में कल कभी नहीं आता ।।
गिरना और बिखरना कोई नई बात नहीं है,
एक वक्त बाद पत्ते भी टूट कर गिर जाते हैं ।
उसके बाद ही नए पत्ते, फूल और फल आते हैं ।
दिल की आवाज सुन, आज दे हौसला खुद को,
निकल पड़ नई राह में, तेरी मंजिल तुझे है बुलाता ।
ज़िन्दगी में कल कभी नहीं आता ।।