किसकी नजर लगी तुझे?
किसकी नजर लगी तुझे?
किसकी नजर लगी है तुझे
समझ नही आता है मुझे
अभी तो सूरज उगा था
अभी तो दिखने लगा था प्रकाश
तू मुस्कुराने लगा था
तू चहचहाने लगा था
दौड़ेगा तू सबसे आगे
चमकेगी तेरी किस्मत
ऐसा लगा था बनेगा तू विश्व गुरू
सत्य का सृजन हुआ है शुरू
किसका ये षडयंत्र है
कौन है ये लोग
और क्यों करते हैं ये ऐसा
क्या इनका ईमान रह गया है सिर्फ पैसा?
समझ गया हूँ
सारी परिस्थिति
मेरी जिम्मेदारी है तुझे संभालूं
नहीं डिगूंगा सत्यपथ से
वोट उसी को दूंगा
जो उगाएगा नव प्रभात फिर से!