किसी और का नहीं
किसी और का नहीं
तेरे साथ होने से ज़माने में मेरी शिरकत है,
तेरे साथ होने से बदली हुई सी मेरी फितरत है,
मेरी पहचान है तेरा आशिक़ होना !
इस पहचान को नही खोना है मुझे।
किसी और का नहीं, बस तेरा होना है मुझे !
तुझे देखता हूँ तो दिल ये सुकूँ पाता है,
उदासी में जब आंखें बंद हों तेरा चेहरा नज़र आता है,
जब कभी किसी बात पे आंखें ये नम हों मेरी,
तेरे काँधे पे सर रखके जी भर रोना है मुझे ।
किसी और का नही, बस तेरा होना है मुझे !
तेरे साथ हूँ तो खुश हूँ मैं, तेरे साथ हूँ तो लगता है कुछ हूँ मैं,
तेरे साथ हूँ तो मुस्कुराई सी रहती है जिंदगी मेरी,
इसी मुस्कुराती सी ज़िन्दगी में साथ तेरे हँसी ख्वाब पिरोना है मुझे।
क्यूंकि किसी और का नही, बस तेरा होना है मुझे!
मुरझाया सा रहता हूँ तुझसे दूर रहकर,
सहमाया सा रहता हूँ तुझसे दूर रहकर।
आदत है मुझे तेरी ज़ुल्फ़ों के साये की,
इसी साये में उम्र भर सोना है मुझे।
अब इसे ज़िद समझ या प्यार मेरा लेकिन
किसी और का नही बस तेरा हाँ सिर्फ तेरा ही होना है मुझे !