किसे पता था एक दिन
किसे पता था एक दिन
यूं ही साथ चलते चलते हम कहां तक आ गए ।
किसे पता था एक दिन हम भी आपसे जुड़ जाएंगे।
लिखते लिखते आपके अच्छे लेखक बन जाएंगे ।
आप जो मिले हमारा सपना सच हो गया।
अच्छे लेखकों में आने का जज्बा सच हो गया।
जो कल तक लेख कॉपी में थे आज आपके फलक पर आ गए।
हम नहीं सोचते थे कि हम भी कभी गोल्डन बैच पा जाएंगे
स्टोरी मिरर में विनर की पोजीशन में भी आ जाएंगे।
ऑथर ऑफ द वीक
सीख स्टोरी राइटिंग की प्रतियोगिता में हम जीतने लग जाएंगे।
ऑथर्स ऑफ द मंथ के लिए हम भी और नोमिनेट हो जाएंगे।
धन्यवाद है आपका कि आपने हमको प्लेटफार्म दिया।
और हमने अपने लिखने के हुनर को तराश कर आपको भेज दिया
55,000, 60,000 से ज्यादा पाठक हम को दे दिए।
हमको हमारे लेखन में में विश्वास को बढ़ावा देने का टाइम में आ गया
जो आपका साथ रहा तो हम भी एक दिन लेखक बन जाएंगे।
ना साहित्यिक भाषा आई तो भी सीधी-सादी भाषा में पाठकों ने किया हमको पसंद।
स्टोरी मिरर ने किया हमको पसंद ।
इसके लिए हैं हम उनके शुक्रगुजार जितना दे धन्यवाद उतना ही कम
बस अब तो यही आशा है कि जिंदगी भर आपका साथ कभी ना छूटे।
हम लिखते रहें .
आप पाठकों को भेजते रहें और वे पढ़ते रहे।
और हमारे ऊपर अपना स्नेह यूं ही लुटाते रहे।
