किसान का सच
किसान का सच
धरती का सीना चीर कर फसल जो उगता है
खून पसीने से धरती को सींच कर अनाज जो उपजता है
हर मौसम से जो लड़ता है कदम पीछे नहीं करता है
अपनी मेहनत के बल पे सब का पेट भरता है
इतना करने के बावजूद क्यों आत्महत्या करता है
कुछ सवाल इनके क्यों न कोई हल करे
जब की लोगो में बैठ के कोई हिमायती बनने का दम भरे
क्यों इनकी मानगो को बेबुनियादी बताया जाता है
क्यों इन मजलूमों पे लाठी चलाया जाता है ?
क्यों इनको सियासी कहके लांछन लगाया जाता हैं ?
ख़ालिश्तानी,आतंकवादी ,पाकिस्तानी,
गुंडा मावली कहके क्यों भगाया जाता है ?
क्या अपने अधिकार के खातिर ये मांग भी नहीं कर सकते ?
क्या भ्रस्टाचार के खिलाफ सिर्फ अन्ना हजारे ही, लड़ सकते ?
क्या संसद में पास कुछ कानूनों को रद नहीं किया जा सकता
क्या ऍम एस पी को कानूनी तौर पर लागु नहीं किया जा सकता
आखिर क्या बात है जो इनको यू सताती है
अगर सच में कानून अच्छा है तो क्यों इनको नही भाती है
थोड़ा तो सरकार को इनका ध्यान करना होगा
थोड़ा तो इनके बातों में सरकार को हामी भरना होगा।