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Sarita Saini

Abstract

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Sarita Saini

Abstract

किस बात पर ख़फ़ा हो

किस बात पर ख़फ़ा हो

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किस बात पर ख़फ़ा हो तुम..

बता दो आज,

ऐ खुशी..!


तुम मुझे खुद से मिला दो आज।

ये ग़मों के ढेर मुझसे अब संभाले नहीं जाते,

इन ऑखों से ऑसू अब निकाले नहीं जाते।


क्यों ख़फ़ा हो तुम बता दो आज ऐ खुशी.?

तुम आ जाओ तो हँस के बिता लूँ

मैं अपनी बची जिन्दगी।।


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