किस बात पर ख़फ़ा हो
किस बात पर ख़फ़ा हो
किस बात पर ख़फ़ा हो तुम..
बता दो आज,
ऐ खुशी..!
तुम मुझे खुद से मिला दो आज।
ये ग़मों के ढेर मुझसे अब संभाले नहीं जाते,
इन ऑखों से ऑसू अब निकाले नहीं जाते।
क्यों ख़फ़ा हो तुम बता दो आज ऐ खुशी.?
तुम आ जाओ तो हँस के बिता लूँ
मैं अपनी बची जिन्दगी।।