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Simran Fatima

Abstract

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Simran Fatima

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ख्वाहिशें

ख्वाहिशें

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जिंदगी की ख्वाहिशें तो बहुत है

लेकिन वह पूरी ना हो तो क्या करें


हर दिन हर साल एक नई ख्वाहिश है

लेकिन वह पूरी ना हो तो क्या करें


जो है अब पास उसी को सबसे बेहतर करें

आगे बढ़े हर दम हर दिन कुछ नया करें


मिलेगा इसी से बहुत कुछ

कुछ नहीं उम्मीद कुछ मुस्कुराते हुए पल

बस यही है हमारी जिंदगी की ख्वाहिशों का सफर।


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