मुझे पता है कि मैं कुछ भी नहीं
मुझे पता है कि मैं कुछ भी नहीं
मुझे पता है कि मैं कुछ भी नहीं हूं।
हसरतों को हराकर में हकीक़त में जीती हूं।
उम्मीद लोगों से ना रख कर, अपने रब से रखती हूं
मुझे पता है कि मैं कुछ भी नहीं हूं।
दुख ना जाए किसी का दिल मेरे लफ्जों से...
यही कोशिश करती हूं।
मुझे पता है कि मैं कुछ भी नहीं हूं।
हसरतों को हराकर में हकीक़त में जीती हूं।
बस सब खुश रखूं यही अरमान है मेरा....
बस अपनों की दुआएँ साथ रहे
यही अरमान है मेरा....
मुझे वो जिंदगी चाहिए।
पैसा शोहरत हो ना हो ।
दिल को सुकून चाहिए।
मुझे पता है कि मैं कुछ भी नहीं हूं।
बस मेरे पास अपनों का प्यार
उनकी दुआएँ मेरे साथ है।
