खुशी
खुशी
तुझसे खुशी
फासले बस चंद कदम है,
मगर इस जहन में
मेरे कफ़स में कदम हैं।
यूं भी तू मुमकिन
हो कर भी कभी भी
हकीकत में जरा सा भी तो
मुक्कमल ना होगी
और फिर
मेरे असबाब में तू
शामिल भी तो न हो सकेगी।
बस इसी बात से
ठहरे मेरे सारे जतन हैं
तुझसे खुशी
फासले चंद कदम हैं।
क्रमशः