खुद के साथ
खुद के साथ
खुद के साथ बैठो कभी
कर लो साक्षात्कार खुद का
बैठा है जो अंदर तेरे
देगा नयी दिशा तुझको
कह देगा तेरी खामियों को
बता देगा तेरी उन खूबियों को
खुशियों को ढूंढते हो बाहर
पर वो तो है छिपा तेरे ही अंदर
पूछो तुम अपनेआप से
बताने को जो सब तैयार है
एक वो ही है सच्चा हमदर्द तेरा
सुन लो उसकी हर बातों को
बैठो खुद के साथ फुर्सत में
कर लो बातें मन के द्वंद्व की.