खुद ही सुलझाओ
खुद ही सुलझाओ
ख़ुद में रह कर वक़्त बिताओ तो अच्छा है,
ख़ुद का परिचय ख़ुद से कराओ तो अच्छा है।
इस दुनिया की भीड़ में चलने से तो बेहतर,
ख़ुद के साथ में घूमने जाओ तो अच्छा है।
अपने घर के रोशन दीपक देख लिए अब,
ख़ुद के अन्दर दीप जलाओ तो अच्छा है।
तेरी, मेरी इसकी उसकी छोड़ो भी अब,
ख़ुद से ख़ुद की शक्ल मिलाओ तो अच्छा है।
बदन को महकाने में सारी उम्र काट ली,
रूह को अब अपनी महकाओ तो अच्छा है।
दुनिया भर में घूम लिए हो जी भर के अब,
वापस ख़ुद में लौट के आओ तो अच्छा है।
तन्हाई में खामोशी के साथ बैठ कर,
ख़ुद को ख़ुद की ग़ज़ल सुनाओ तो अच्छा है।
समस्या दूसरों को बताने से अच्छा,
खुद ही सुलझाओ तो अच्छा है।
कॉरोना से बीमार होकर अस्पताल में रहना से अच्छा,
घर पर ही वक्त बिताओ तो अच्छा है।