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Sushil Kharat

Romance

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Sushil Kharat

Romance

कहो ना

कहो ना

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नैसर्गिक सुंदरता उसकी हरी भरी

जब वो बात करती है तब उसे

बस देखते रहने न का मन करता है,

कोसो मिलो दूर है मुझसे लेकिन

दिल के सबसे करीब है वो मेरे

जलन होती है जब ओ अपने दोस्तों

से बात करती है,दिन रात बात होती

है उससे मेरी मन भरता नहीं

आंखें पढ़ लेता हूं मैं उसकी दिल में

क्या है शायद वो भी मेरी पढ़ती होगी

मेरे दिल में क्या है वो बाते घूमाती है

लेकिन आंखें झूट नहीं बोलती चाहती 

तो वो भी है लेकिन मन की बात 

बोलती नहीं है बताना तो मैं भी 

चाहता हूं अपने दिल की बात

फिर थोड़ा डरता हूं कि दूर ना 

चली जाए, जो बात होती है 

बंद ना हो जाए कभी कभी 

लगता है उसके दिल में कुछ है मेरे लिए, 

कभी कभी लगता है कुछ नहीं

दिल की बाते हैं कहना तो चाहते हैं

पर कह नही पाते ।


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