ख़याल
ख़याल
बैठे-बैठे यू ही ख़याल आया
जब बेवजहा हैं ये सवाल आया
इस ज़िंदगी का कोई मक्सद नहीं
बैठे बैठे ये ख़याल आया
चाँद सितारे आफ़ताब आसमाँ
इन्हें देखा तो जवाल आया
सब कुछ ख़त्म हो जाएगा इक दिन
बैठे बैठे ये ख़याल आया
ये जवानी दीवानी होती हैं
इसे देख कर इक सवाल आया
मिट्टी का जिस्म मिट्टी हो जाएगा
खुद के बारे में ये ख़याल आया
इक सवाल आया फिर ज़हन को
जवाल आया
प्यार इश्क़ मोहब्बत कुछ नहीं
बैठे बैठे ये ख़याल आया
यार और वफ़ादार हैं क्या मेरा
बैठे बैठे ये सवाल आया
सच्ची मोहब्बत करना आसाँ नहीं
बैठे बैठे ये ख़्याल आया।
