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dr vandna Sharma

Inspirational

5.0  

dr vandna Sharma

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गरीब को कहाँ फुर्सत

गरीब को कहाँ फुर्सत

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ख़ुशी क्या है? बस एक छलावा 

सोचो तो कुछ नहीं 

सोचो तो सब कुछ 

दर्द का एहसास तब तक होता है 

जब तक दर्द के बारे में सोचा जाता है 

गरीब को कहाँ फुर्सत

दर्द के बारे में सोचने की 

वो तो किसी से कोई अपेक्षा ही नहीं करता 

गरीब तो खुश रहता है अपने वर्तमान में 

वो किसी से क्या शिकायत करें 

जब शिकायत करना ही नहीं आता 

दर्द में मुस्कराता है 

गमो को बातों में उड़ता है 

जो भी रुखा -सूखा मिलता है 

खाता है और चैन से सोता है 

नींद तो अमीरो को नहीं आती 

पेट भर खाकर भी जिन्हे भूख नहीं लगती 

गरीब तो नंगे पाँव चलकर भी 

खुद को राजा समझता है 

क्योंकि वो सोचता ही नहीं 

दर्द क्या बला है?


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