कहानी है
कहानी है
प्यार की मेरे अधूरी सी कहानी रह गयी!
आँखों में आंसू दिल में ग़म की रवानी रह गयी
आज दिल से लुट गयी है वो मुहब्बत की ख़ुशी
ग़म भरी ही रोज़ अपनी जिंदगानी रह गयी
पेश आया वो मुहब्बत से नहीं मुझसे कभी
अब लबों पे देखिए भी बदजुबानी रह गयी
प्यार का ठुकरा दिया है फ़ूल उसनें कल मेरा
रोज़ दिल में ग़म भरी सी सरगिरानी रह गयी
नफ़रतों के पत्थर इतने है लगे सीने पे ही
बिन मुहब्बत के तड़फ़ती सी जवानी रह गयी
जल गये है बेवफ़ाई की आग में ख़त वो सभी
अब लबों पे बस मुहब्बत की कहानी रह गयी
उम्रभर के ही लिए "आज़म" जुदा वो हो गया
पास में तस्वीर उसकी इक निशानी रह गयी।
आज़म नैय्यर
सहारनपुर उत्तर प्रदेश

