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Surendra kumar singh

Inspirational

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Surendra kumar singh

Inspirational

कभी कभी ऐसा भी होता है

कभी कभी ऐसा भी होता है

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कभी कभी ऐसा भी होता है कि

एक छलांग में आदमी पा जाता अपनी मंजिल,

या जीवन का आनन्द

कभी कभी एक छलांग लगाने में ही

बीत जाता है एक जीवन।

खैर ये कहानी या

संभावना का सन्दर्भ नहीं है

बिना किसी मशक्कत के

मिल गया आनन्द

आनन्द जो कभी कभी 

किसी किसी को मिल पाता है

होते हुये भी।

अब बिना मशक्कत की ये प्राप्ति

किसी छलांग से कम नहीं है

ध्यान से कम नहीं है

योग से कम नहीं है

किसी तप से कम नहीं है,

जैसे किसी ने जीवन के

जटिल ,सम्वेदनशील और

खतरनाक पलों में

बिना किसी पूर्व सूचना के 

बिना किसी आवाज के

वो सब कर दिया

जिसकी हमें जरूरत थी।

रूबरू हुये जीवन से

और उसके आनन्द से,

और जो खुशियां छूट गयी थीं

एक छलांग में

आनन्द मिल जाने में

अब मिल भी जाएं तो क्या

सिवाय इसके की लोग कहेंगे

मैं एक सफल आदमी हूँ

और मुझे खुशी के लिये

एक कदम पीछे लौटने में

न तो कोई दिलचस्पी है

न कोई जरूरत है।

हे आनन्द देने वाले

आनन्द के मालिक

कहो तो थोड़ा सा दुख प्रकट कर दूं

खुशियों के छूट जाने के लिये।


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