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Shristi Singh

Inspirational

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Shristi Singh

Inspirational

कौन है राम?

कौन है राम?

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राम नाम सुनते ही देखते ही जो पहले विचार मन में आता है वह है राम। त्याग, मर्यादा का मतलब है राम।


कितनी दिक्कत होगी अगर नाम समझ आ जाए सबको, राम-राम तो कहते हैं लेकिन राम सा दुख न सह पाते हैं। 

मर्यादा के चुनौती का सामना करना होगा , मर्यादा में रहना कुछ खास नहीं कर जाना है बस त्याग को गले लगाना है और अहंकार को जलाना है। 


आप अपने राम लाल के खातिर इतना ना कर पाओगे? 

 उस शबरी का झूठा खाओगे तो पुरुषोत्तम राम कहलाओगे। 


काम क्रोध के भीतर रहकर तुमको शीतल बना होगा। 

 बुद्ध भी जिसकी छांव में बैठे वैसा पीपल बनना होगा।

यह सब कुछ तुमको शून्य में रहकर पाना होगा।

तभी तुमको पता चलेगा कितने महान राम हमारे। 


अब तो सबको राम पता ही होगा घर के बड़ों ने बताया होगा, 

बताओ फिर की कौन है राम ?

यह तुम लोगों के नाम जपो में पहले सा आराम नहीं

इस जबरदस्ती के जय श्री राम में सब कुछ है पर राम नहीं। 


तो सोच समझ कर जय श्री राम कहो, 

यह बस आतिश का नारा नहीं जब तक राम दिल में नहीं तुमने राम को पुकारा नहीं। 


पल में हंसना भी है राम ,पल में रोना भी है राम।

सब कुछ पाना भी है राम ,सब कुछ खोना भी है राम। 

ब्रह्मा जी के कुल से होकर जो जंगल में सोए वह है राम। 

अपनी जीत का हर्ष छोड़कर रावण की मौत पर रोए वह है राम। 


छल कपट सीने से लगाकर सो जाओगे तो कैसे भक्ति बन पाओगे उसके । कैसे समझ पाओगे कि कौन है राम? 



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