कैसी होगी वो
कैसी होगी वो
जाकर तुम पूछ ले,
वो मेरी धड़कन की आवाज।
कैसी होगी वो मेरी वियोगिनी,
तुम कर ले थोड़ा साज।
क्या पता वो कहां होगी।
कैसे मेरे बिन जीती होगी।
प्यासी होगी प्यार के मेरे बिन।
कैसे कटता होगा रात और दिन।
मेरी परछाई के बिन तरसती होगी;
हो जाती होगी वो मायूस।
जब देखती होगी वो मेरी तस्वीर;
उसे होता होगा मुझसे मिलने की ख्वाहिश।
कहीं बैठी होगी, सोचती होगी वो;
क्यूं आते नहीं मेरे पास।
क्या गलती कर बैठी,
वो क्यूं है मुझसे उदास।
कुछ अच्छा नहीं लगता होगा उसे,
चेहरा सूख गया होगा टहनी बनकर।
व्याकुलता उठता होगा उसके मन में,
लैला मजनू की कहानी बनकर।
कैसे होगी वो क्या पता,
मेरे लिए वो आंखें बिछाए होगी।
सहन नहीं है मुझे भी, उससे दूर रहकर;
जो मेरे लिए इंतजार करती होगी।।

