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Ajay Pandey

Inspirational

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Ajay Pandey

Inspirational

कैसे दर्द लिखूं

कैसे दर्द लिखूं

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नारी कैसे तेरा दर्द लिखूँ

त्याग, समर्पण, प्रेम, दया

संत्रास, तपन, पीड़ा या व्यथा

उर का अलिखित दर्द लिखूँ

कैसे मैं तेरा दर्द लिखूँ।


सदियों से आशंकाएं झेलीं

निज नैतिक परिभाषा झेलीं

पग-पग अगणित बंदिश झेली

निज स्वभाव वश कुछ न बोली।


श्रृंगार लिखूं, अंगार लिखूं

वात्सल्य हृदय व्यवहार लिखूं

सिमटे-बिखरे हालातों का

या स्नेहिल प्रभात लिखूं।


संघर्षों की जीत लिखूं

छांव लिखूं या धूप लिखूं

प्रति पग साथ चले जो हर पल

ऐसा कुछ मनमीत लिखूं।


अगणित तूने घाव हैं झेले

पर ममता न हुई परायी

अपनों के संत्रास हैं झेले

धैर्य, समर्पण नहीं गंवाई।


त्याग, तप का अध्याय लिखूं

गीता, बाईबल कुरान लिखूं

शब्द नहीं हैं पास मेरे 

क्या तेरा गुणगान लिखूं।


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