"कैसे बखान करुं मैं "।
"कैसे बखान करुं मैं "।
कैसे बखान करूं मैं, पापा अद्भुत माया।
जन्म देकर खूब करी, सुखद बरगद छाया।
सुखद बरगद छाया, चलना तुमने सिखाया।
पग पग पर संभल दिया, अंगुली पकड़कर लिखाया।
कह 'जय' पहले गुरु, सखा कहलाते
वैसे।
स्तुति में वो शब्द नहीं, बखान करूं मैं कैसे।
