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chirag goyal

Action Tragedy

3  

chirag goyal

Action Tragedy

पुलवामा हमला

पुलवामा हमला

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जब हमारे युवा वैलेंटाइन्स डे के

जश्न में डूबे थे,

तब आतंकियों ने बनाये हुए

अपने अलग मंसूबे थे।


खुशी का ताना बाना लेकर

जवानों का काफिला

आगे बढ़ रहा था,


पर ना जाने इतना देशप्रेम

किसके मन को गड़ रहा था,

माँ भारती के बेटों पर

उसने सीधा धावा बोल दिया।


निहत्ते जवानों को मारकर

बुज़दिली का काम है उसने किया

अरे! तू अपने आप को

खुदा का बंदा बताता है।


मासूमों पर चढ़कर

कौनसी जन्नत को जान चाहता है

इन 44 बेटों की मौत पर तो

खुदा भी तुझे मुआफ़ नहीं करेगा।


ऐसा गुनाह है तूने किया कि

तू तो जहन्नुम की आग में ही जलेगा,

अपने बेटे की खबर सुनकर

उस माँ का दिल दहल जाएगा।


सिसकता हुआ पिता

उसे आकर चुप करेगा

परन्तु दुःख की बात तो यह है

कि इतने पर भी सब बस यूँ हीं देखेंगे।


और उन 44 जवानों के कफ़न बेचकर

नेता अपनी गंदी राजनीति खेलेंगे

कुछ दिन हंगामा होगा

सब बड़ी बड़ी हाकेंगे।


फिर कुछ दिन बाद सिंधु इमरान को

गले लगाने भागेंगे

अब 14 फ़रवरी को वैलेंटाइन नहीं

बलिदान दिवस ही मान लेना।


और कुछ तुम कर न सको तो

बस तिरंगे की आन बचा लेना

उनके बलिदान का बदला तो

सेना ले आएगी।


बस तुम शान से एक बार

जय हिन्द का नारा गा देना

बस तुम शान से एक बार

जय हिन्द का नारा गा देना !


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