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Satyam Pandit

Fantasy

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Satyam Pandit

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काश

काश

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काश हम समय रोक सकते

ये सूरज,

जो ढल जाने की धमकी दे रहा है

काश इस सूरज को

हाथ से पकड़ के ढलने से रोक लेते

ये सरसराती हवाएं,

इनमें हम सब की बातचीत रिकॉर्ड होती है

काश इन रिकॉर्डिंग को

एक सी.डी. में लोड कर लेते

ये नदियाँ,

इनमें वो लम्हें बहते जा रहें हैं

जिन्हें हम सँजो के रखना चाहते हैं

काश इनपे एक बांध बनाते

और इन गुज़रते लम्हों को कैद कर लेते

लेकिन समय पे किसका बांध

काश ये सारे काश सच हो जाते


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