काश वह पल लौट आता
काश वह पल लौट आता
काश यह पल लौट आता,
और इन पलों को हम फिर से जी लेते ,
कुछ तुम कहते कुछ हम सुनते,
कुछ हम कहते कुछ तुम सुनते हैं,
ना कोई शिकवा होती ना कोई शिकायत होता,
तुम हमको समझ लेते हम तुमको समझ लेते,
ना होता कोई शक और शिकायत,
हमारा विश्वास बना रहता,
तुम मेरे दुख तकलीफ को समझते,
मैं तुम्हारे दुख तकलीफ को समझती,
किसी और से एक दूसरे के बारे में
पूछने का मौका नहीं रहता।
काश समय लौट आता।
अब तो ना समय रहा ना सुनने को कुछ बचा रहा,
फिर से समय निकाल लो,
एक दूसरे के बारे में जान लो,
सारी गलतफहमियां हो जाएंगी दूर,
मुझे खुद को खोने पर ना करो मजबूर।

