काश इंसान बच्चा ही रहता
काश इंसान बच्चा ही रहता
काश इंसान बच्चा ही रहता
बड़े होने का कोई टेंशन नहीं होता
बचपन में दुःख और दुनियादारी का पता ही नहीं चलता है
खुश रहते है हम
मगन रहते है खिलौना में
कमाने के लिए सोचना नहीं पड़ता है
काश इंसान बच्चा ही रेहता
बचपन ही है सबसे अच्छा होता है
कोई भी परिश्रम नहीं करना पड़ता
बॉस की गाली खानी नहीं पड़ती
बाज़ार जाकर समान लाने का टेंशन नहीं होता
काश इंसान बच्चा ही रहता
बचपन में जिंदगी कितनी अच्छी होती है
जिंदगी के गम से कितने अनजान होते है
जिंदगी कितनी हसीन होती है
काश इंसान बच्चा ही रहता।