सपना देख रहा हूँ
सपना देख रहा हूँ
सपना देख रहा हूँ
की मेरा भी एक घर हो अपना
कब तक किराए के घर पर रहूँ
कब तब घर के मालिक के ताने सुनूँ
जब भी सोता हूँ
सपने में अपना घर देखता हूँ
अपने परिवार को उस घर मैं देखता हूँ
देखता हूँ की माँ मेरी मेरे लिए खाना बना रही है
बहने मेरी मेक-अप कर रही है
मैं सोफा पर बैठे यह सब देख रहा हूँ
मेरे चेहरे पर हलकी सी मुस्कान है
तभी अलार्म भजता है
आंख खुली और सपना गायब
हम जिंदगी कितने सपने देखते है
पर किसी के पूरे होते है और किसी के नहीं
बस डर लगता है की मेरे सपने भी पूरे होने से पहले बुलावा ना आ जाए
बस है एक सपना मेरे भी घर हो अपना
सपने देखने चाहिए
और उसको पूरा करने के लिए मेहनत करना चाहिए