कान्हा
कान्हा
मेरे दिल की धड़कन में तुम हो
सांसों की नरमी में
विचारों की गरमी में तुम ही हो
मेरी कविता के लफ्ज़ो में
मेरी रचनाओं में
मेरी लेखनी
मेरी प्रेरणा
मेरे प्रेरक
मेरे अपने
मेरे सपनें
मेरे सपनों का सच
मेरे सपनों की उड़ान
मेरी ख़्वाहिश
मेरी आरज़ू
मेरी तपिश
मेरी ख़लिश
मेरी सुलझन
मेरी हसीन उलझन
मेरी नज़्म
मेरी शरारत
मेरी मस्ती
मेरी हँसी
मेरी ख़ुशी
मेरी जिंदगी
मेरी जिंदादिली
मेरी आवारगी
मेरा बड़प्पन
मेरी ज़िद
मेरी लगन
मेरी रीत
मेरी प्रीत
मेरा हर रंग
मेरा हर ढंग
कान्हा तुम ही तो हो...!
मेरा जुड़ाव
मेरा लगाव
मेरा द्वन्द्व
प्रतिद्वन्द्व
मेरी इच्छा
मेरी आकांक्षा
मेरा दिल
मेरी धड़कन
मेरी जान
मेरा ईमान
मेरा फक्र
मेरा ग़ुरूर
मेरा गौरव
मेरा राग
अनुराग
मेरी ज़मीन
मेरा आसमान
मेरा वजूद
मेरा अहम
मेरा अस्तित्व
मेरा होना न होना
एक तुम ही तो कान्हा...!
एक तुम ही तो हो...!