कान्हा संग होली
कान्हा संग होली
रंगोत्सव की बहार है बजने लगे ढोल नगाड़े हुड़दंगा और धमाल है
कृष्ण की बांसुरी राधा की पिचकारी सखियों संग खेले होली नंदगोपाल है
बरसाने में होली लठमार है वृंदावन में रास रंग की भरमार है
मथुरा रंगमय हो चला द्वारका में धुलेटी की हुडदंग है
घर-घर में मिठाई गुझिया की स्वाद है बच्चे बूढ़े खुश हो होकर उड़ाए रंग गुलाल हैं
लाल पीला हरा गुलाबी रंगों की बौछार है रंग दे कान्हा इस होली तेरे रंग में रंगने को मन बेकरार है!