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sargam Bhatt

Abstract Others

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sargam Bhatt

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कान्हा की वंशी

कान्हा की वंशी

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कान्हा तेरी बंसी बजे बार-बार.....

कान्हा तेरी बंसी लगे मोहे प्यारी,

तेरी बंसी की धुन है न्यारी!

जिस पर हैं उतावली गोपियां हजार,

कान्हा मुरली की धुन सुना दो एक बार!!

कान्हा तेरी बंसी…….............


इस बंसी में राधा बसी है,

तेरे प्रेम को वह तरसी है!

उनको गले लगा लो एक बार,

कान्हा मुरली की धुन सुना दो एक बार!!

कान्हा तेरी बंसी...................



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