Rekha Shukla
Inspirational
बिछड़ के तुम से मिलना है मिट के फिर हमें बनना है
जलाते रहे हमसे हमें तो ज्योत फिर भी बनना है !
ज़ख़मी सांसे ...
माँ
रूठे
शब्द
एक लम्हां सो ...
पायल
ख़ुदा
रंग कलम से बे...
सैयो
ओ' परवर दिगार...
ये कविता पिता और परिवार के रिश्तों का आयना है । ये कविता पिता और परिवार के रिश्तों का आयना है ।
आज आठ दशक और हो गया है नौवें में प्रवेश। आज आठ दशक और हो गया है नौवें में प्रवेश।
चन्दा सोहे शीश पर , काम नशावन हार । मोह निशा का नाश कर , ज्ञान दिवस दातार।। चन्दा सोहे शीश पर , काम नशावन हार । मोह निशा का नाश कर , ज्ञान दिवस दातार।।
मैंने विरासत में करोड़ो पाने वालो को, छिपने में सुकून महसूस करते देखा है| मैंने देखा है, मैंने विरासत में करोड़ो पाने वालो को, छिपने में सुकून महसूस करते देखा है| मैंने द...
ताज के आम हीरो ' (Based on the events of 26/11) ताज के आम हीरो ' (Based on the events of 26/11)
तुम फिर प्रयास करो यशवंती अपना भुजबल आजमाओ तुम। तुम फिर प्रयास करो यशवंती अपना भुजबल आजमाओ तुम।
पिंजरे की चिड़िया थी सोने के पिंजरे में। वन की चिड़िया थी वन में। पिंजरे की चिड़िया थी सोने के पिंजरे में। वन की चिड़िया थी वन में।
रोम रोम को झंकृत कर देने की शक्ति समाहित किये हुऐ आपके प्रिय कवि विद्रोही का श्रृंगार और करुण रस का ... रोम रोम को झंकृत कर देने की शक्ति समाहित किये हुऐ आपके प्रिय कवि विद्रोही का श्र...
मैंने कहा- "तुम स्त्री जात हो इसीलिए भावनाओं की गंगा में बहती रहती हो मैंने कहा- "तुम स्त्री जात हो इसीलिए भावनाओं की गंगा में बहती रहती हो
हौसलों की उड़ान में, इरादों को मकसद बनाकर तो देखो; प्रगति पथ पर तुम, हिम्मत से कदम उठाकर तो देखो... हौसलों की उड़ान में, इरादों को मकसद बनाकर तो देखो; प्रगति पथ पर तुम, हिम्मत से क...
, आज़ाद सही मायनों में और फिर से मनाययेगें उत्सव स्वतंत्रता का। , आज़ाद सही मायनों में और फिर से मनाययेगें उत्सव स्वतंत्रता का।
मैं भी खुद से विमुख खुद की जड़ें ढूँढने लगती हूँ ...।। मैं भी खुद से विमुख खुद की जड़ें ढूँढने लगती हूँ ...।।
खुशी के हर पल बिखरे कभी लोरी, कभी आंख-मिचोली में खुशी के हर पल बिखरे कभी लोरी, कभी आंख-मिचोली में
हो भाग्यहीन तुम, नहीं जन्मीं कन्या तुमने, कन्यादान है महादान। हो भाग्यहीन तुम, नहीं जन्मीं कन्या तुमने, कन्यादान है महादान।
ये कविता उन सब लोगों को समर्पित है जो अपंग होते भी ज़िन्दगी से हार नहीं मानते, डटे रहते हैं, ज़िन्दगी... ये कविता उन सब लोगों को समर्पित है जो अपंग होते भी ज़िन्दगी से हार नहीं मानते, ड...
एक संभावनाओं की दुर्घटना अधिक लगता है, और मन में अनायास अवांछित होने का भाव जगता है एक संभावनाओं की दुर्घटना अधिक लगता है, और मन में अनायास अवांछित होने का भाव ज...
भक्ति में प्रभु रंग में रंग जाना प्यार है राम नाम से जिंदगी का सार पाना प्यार है। भक्ति में प्रभु रंग में रंग जाना प्यार है राम नाम से जिंदगी का सार पाना प्यार ...
हम मनोहर दूरवर्ती, कार्यक्रम चलाएं। अपने सभी बच्चों का,हम सब ग्रुप बनाएं। हम मनोहर दूरवर्ती, कार्यक्रम चलाएं। अपने सभी बच्चों का,हम सब ग्रुप बनाएं।
जी ठीक समझा आपने, वो मेरे पिता थे। जी ठीक समझा आपने, वो मेरे पिता थे।
छत की सरजमी भी बड़ी प्यारी है जनाब, दिखाती है नजरों को दिन में ख्वाब। छत की सरजमी भी बड़ी प्यारी है जनाब, दिखाती है नजरों को दिन में ख्वाब।