ज्योति का पर्व दिवाली
ज्योति का पर्व दिवाली
ज्योति का पर्व आया है,
चारों तरफ उजाला छाया है,
दीपों से पूरा घर जगमगाया है,
सितारों का कारवां जमी पर उतर आया है,
चारों तरफ जुगनू झिलमिलाते है,
पटाखों की धूम मची है,
कुछ आखे खुशियां ढूढ रही हैं।
हम दिवाली मनायेंगे कैसे,
कुछ लोगों की गरीबी सोच रही हैं,
कैसे मनाएं हम दिवाली,
अंधेरे में दिया कौन जलाएगा,
हमारे लिए तो सब दिन बराबर है।
रोशनी का त्यौहार मनाये कैसे,
हम खुशियां लाए कैसे,
यह त्यौहार तो सभी का है,
हम क्यो वंचित रह जाये,
आओ सब मिल ज्योति का पर्व मनाए।