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AJAY AMITABH SUMAN

Comedy Others

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AJAY AMITABH SUMAN

Comedy Others

जय हो बकरी माई

जय हो बकरी माई

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सच कहता हूँ बात बराबर, सुन ले मेरे भाई,

तुझ से लाख टके है बेहतर तेरी बकरी माई।

तू मेरा दिमाग चबाये, और बकरी ये पत्ता,

तू बातों से मुझे पकाए बात बुरी पर सच्चा।


घर की बकरी से घर का भोजन चलता है सारा,

पर बकरी का दाना पानी घास पात हीं चारा।

जो तेरे सर हाथ फिराए सिंग नहीं पर मारे सिंग,

बकरी तो दे दूध बेचारी क्या रात हो क्या हो दिन।


तेरी शादी का क्या भैया पैसे का ही खेल निराला,

जन्म की पतरी शुभ मुहूर्त छेका गौना मेल हो सारा।

ना कोई पंडित के नखरे, ना कोई मुल्ला का झंझट,

ले आओ एक बकरा नन्हे बकरे आ जाते हैं झटपट।


ना हिन्दू मुस्लिम का लफड़ा ना कोई देश विदेश ,

बकरी जाने घास पात ना जाने जाति विशेष।

ये बकरी सोने की मुर्गी सोने जैसा दूध का अंडा,

ये धंधा है चोखम चोखा कभी नहीं होता है मंदा।


डेंगू वेन्गू मरदाना कमजोरी दूर भगाए बकरी,

इसीलिए तो गाँधीजी के साथ हमेशा होती बकरी।

इस बकरी को दुह दुह के गाँधी बाबा बन गए पठ्ठा ,

उम्र पचासा पार गए फिर भी तरुणी से करते ठठ्ठा।


इतनी छोटी सी बकरी पर ऐसी इसकी जात ,

पीकर गाँधी दूध इसी के खट्टे कर दिए दांत। 

इसीलिए कहता हूँ सुन लो भैया और भौजाई,

बार बार दुहराते जाओ जय हो बकरी माई।


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