जय हनुमान
जय हनुमान
जय जय जय मारुति नंदन,
करती सदा तुम्हारी वंदन,
संकट सारे दूर करो तुम,
तेरी भक्ति सुरभित जैसे चंदन।
अंजनी पुत्र महा बलशाली,
तुम्हारी लीला बड़ी निराली,
शक्ति के तुम अकूत खजाना,
दमके मुख जैसे रवि की लाली।
रघुपति के साथ रहे हनुमाना,
सिंधु पर बाँधे बाँध तुमने जाना,
असंभव को संभव कर डाला,
अशोक वाटिका में संदेश पहुँचाना।
रोग कष्ट सब तुम दूर भगायो,
संकट में ढाल बन कर आयो,
सुख संपत्ति सब तुम्हारे कारण,
तेरी भक्ति में सच्चा सुख पायो।
श्री चरणों में रहे निरंतर,
उर में बसायो जानकी न करे अंतर,
बल बुद्धि विधा सब के हो रक्षक,
तुम्हारे डर से चले न कोई मंतर।
जय जय महावीर बलबीरा,
तुम्हारे ध्यान रहे मन धीरा।