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niharika prasad

Abstract Others

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जय गणेश

जय गणेश

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लोग अक्सर पूछते, मैं गणेश मूर्ति तो रखती,

फिर क्यों मैं उसकी पूजा नहीं करती ?


कैसे समझाऊँ उन्हें हमारा रिश्ता,

क्या सबूत देने की है आवश्यकता?


एक-दो दिन का नहीं, सदियों पुराना ये सम्बन्ध,

तेरा और मेरा, एक पवित्र उपबंध 


देवों के देव, मूषक जिसकी सवारी,

मन मोह लिया तूने, चार भुजा धारी


ना मैं दासी, ना मैं उपासक,

ना तू नियंत्रक, ना ही मेरा शासक


चरण पकड़ें सो जाऊँ, जब भयभीत करे अँधियारा, 

तुझे मुग्ध होकर निहारूं, तू ही मेरा जग सारा


इस दुनिया में सब हैं मेरे भक्षक,

हे देव, एक तू ही हैं, मेरा रक्षक 


जय गणेश, जय गणेश, नहीं लगा सकती तुझे रोली और टीका, 

ना माला जप करती, पर मत मान इसे मेरी भिका 


जहाँ जाऊँ, तुझे साथ ले जाऊँ, मेरे गणेश देवा,

पर ना चढ़ा पाऊँ, तुझे लड्डू और मेवा 


कैसे समझाऊँ उन्हें हमारा रिश्ता,

क्या सबूत देने की है आवश्यकता?


एक-दो दिन का नहीं, सदियों पुराना ये सम्बन्ध,

तेरा और मेरा, एक पवित्र उपबंध 


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